Divergent
Divergent always a stain,no one like it’s,those one like it’s also a Divergent.
Ankit kushwaha.
Divergent always a stain,no one like it’s,those one like it’s also a Divergent.
Ankit kushwaha.
क्या लिखू तेरे बारे में सोचता हू कुछ नया लिखू
धड़कता क्यों है मेरे सीने में वतन बनकर
खुदा से रोज दुआ करता हू सलामत रहे तू
नाचीज बनकर चाहता हू बेपनाह इस कदर\\\\(1)
तेरी खुसबू से पहचान लेता हू तेरे हर दर्द को
शायद मगरूर हो गया हू तेरा दीवाना बनकर
परवाना बनकर तेरा पहचान बनकर
ये शरीर तो दुनिया है लेकिन धड़कन में तू
तेरे धड़कने से मेरे लब्ज मुश्कुराते है
नाचीज बनकर चाहता हू तुझे इस कदर.\\\\(२)
for our army ……………………….
\\कोई परवाना बनकर तो कोई दीवाना बनकर
तेरा पहचान बनकर अंकित हो गये इस धरा पर
तेरे इसक में भी कई गुमनाम हो गये क्योकि
उसने भी चाहा तुझे नाचीज बनकर\\\\(३)
पँछी
ओ पँछी उड़ जा रे उपवन के साथ
न कोई साथी तेरा तू जग में अकेली रे
कुछ पल का तेरा रैन बसेरा पल में उड़ जाना रे
तेरी आवाज़ बेसूरी तू बेमतलब खिलौना रे||
ख़ुशी से तेरी न मतलब ये जमाना अनाड़ी रे
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण उड़ते उड़ते जाना रे
हर शाख पर बैठकर तू ढूढे कोई अपना रे
पर न मिला कोई अपना ये जमाना पराया रे||
@_ankitekrista
बीते वर्ष का अभिवादन 🎂
अभिनन्दन◆2018
रंगोत्सव की मुस्कान भरी हैं मुझमें
मुस्कुराने की आदत जड़ी हैं मुझमेँ
किलकारी की धुने दबी हैं मुझमें
अभिनंदन की हँसी छुपी हैं मुझमें ।।
ये मेरे ख्वाइस की रुबानी हैं या कहु तो नज़राने,
वक़्त जो बे लग़ाम मेरे लिए तारीफ़े ख़ौफ़ लेकर,
कहता है मशहूर तू होगा ,मैं तेरा कदरदान-ए-बिराशत।
Ankitekrista
नाराज दिल मे उदासी की महक गुज उठी,
लब्जों के गुनगुनाते गीत में आज ये कैसी खरास हैं,
रंगों की दुनिया मे अब ये कैसी रूठी शाम हैं,
हर पल में अब सिलवटों के दाग़ हैं।
खुशियों ने अब कैसे मुस्कान से है नाता तोड़ा,
विपदा ने अब खामोशियो से है नाता जोड़ा,
आज शून्य में भी शून्य हैं ध्वनि संगीत की,
अविरल सागर में शून्य हैं निनाद क़ोई।
उपवन भी भयभीत हैं समय के अदृश्य चलचित्र से,
यादें भी पराये लगती हैं घबराहट के दृश्य से,
आज खामोसी के पत्ते गलियों में हैं द्वारपाल,
लब्ज भी कुंठित हैं मन के मौन से।।
😢ankitekrista
मैं भारत हूँ। मैं हर रंग और हर संस्कृति में शामिल हूँ।मैं सबके दिलों में हूँ मैं हर वक्त उनके साथ हूं जो मेरा चिंतन करते हैं। मैं दीवाली का दीयां भी हूँ और मैं ही होली का रंगसाज हूँ। ये सभी पर्व मे…
Source: ।।भारत।।
मैं भारत हूँ। मैं हर रंग और हर संस्कृति में शामिल हूँ।मैं सबके दिलों में हूँ मैं हर वक्त उनके साथ हूं जो मेरा चिंतन करते हैं। मैं दीवाली का दीयां भी हूँ और मैं ही होली का रंगसाज हूँ। ये सभी पर्व मेरा ही आलेख हैं। ये धरती ही मेरी माता हैं और ये आकाश ही मेरे पिता हैँ। मेरे भीतर अनगिनत धड़कने जो मेरा शौर्य और शक्ति हैँ। मेरा शस्त्र अहिंशा हैं मेरा चिन्ह तिरंगा हैँ मेरा रंग तिरंगा हैं। मेरी शक्ति और साहस केशरिया हैँ और मेरा कर्तब्य और सत्यता श्वेत हैं और मेरा विकाश हरियाली हैं और मेरा धर्म ही काल चक्र हैँ।
🎂Ankit kushwaha
ये नाराज़िया ये दिल की है एक जुबा, ये ना हो तो लगता हैं यूँ की तू हो खफा, ये नाराज़िया उन लम्हों की है जुबा, की जिस पल मुझे ना हो तेरा ऐतबार , तेरे साथ चलकर ये दुनिया भुला दूँ। तेरे साथ रहकर मैं खुद …
Source: Narajiya